गजानन चरण कमल रज दीजे,
गजानन चरण कमल रज दीजें ॥
तुम्हरी कृपा मिलत अविनाशी,
भव बंधन कट जासी,
जग में नहीं है सहारा जिनको,
उनको सहारा दीजे,
गजानन चरण कमल रज दीजें ॥
यह संसार माया की मूरत,
पग पग तम उदघाटी,
कोय नहीं है जग में तुम सम,
पार उतारन हारी,
कृपा करो हे गजानन मुझ पर,
विद्यारस भर दीजे,
गजानन चरण कमल रज दीजें ॥
गजानन चरण कमल रज दीजे,
गजानन चरण कमल रज दीजें ॥
ऋषि पंचमी व्रत कथा (Rishi Panchami Vrat Katha)
कार्तिकेय आरती (Kartikeya Aarti)
आयेगा मेरा श्याम, लीले चढ़ करके - भजन (Aayega Mera Shyam Lile Chadh Karke)
Post Views: 85