छोटी सी मेरी पार्वती,
शंकर की पूजा करती थी,
निर्जल रहकर निश्छल मन से,
नित ध्यान प्रभू का धरती थी,
छोटी सी मेरी पारवती,
शंकर की पूजा करती थी ॥
नित गंगा जमुना जाती थी,
जल भर भर कर वो लाती थी,
निर्जल रहकर निश्छल मन से,
नित ध्यान प्रभू का धरती थी,
छोटी सी मेरी पारवती,
शंकर की पूजा करती थी ॥
नित बाग़ बगीचा जाती थी,
वो भांग धतूरा लाती थी,
निर्जल रहकर निश्छल मन से,
नित ध्यान प्रभू का धरती थी,
छोटी सी मेरी पारवती,
शंकर की पूजा करती थी ॥
छोटी सी मेरी पार्वती,
शंकर की पूजा करती थी,
निर्जल रहकर निश्छल मन से,
नित ध्यान प्रभू का धरती थी,
छोटी सी मेरी पारवती,
शंकर की पूजा करती थी ॥
वैष्णव जन तो तेने कहिये, जे.. भजन (Vaishnav Jan To Tene Kahiye Je)
प्रार्थना: हे जग त्राता विश्व विधाता! (He Jag Trata Vishwa Vidhata)
जिनके वश में सदा राम रहते है: भजन (Jinke Vash Mein Sada Ram Rahte Hai)