तुझसा दयालु नहीं प्यारे,
प्यारे प्यारे प्यारे ॥
श्रुति कहे जगत पिता है तू ही प्यारे,
बन्यो यशोमति सूत प्यारे,
प्यारे प्यारे प्यारे,
तुझसा दयालु नही प्यारे,
प्यारे प्यारे प्यारे ॥
अंगूठा छाप सखन को प्यारे,
बन गयो घोड़ा प्यारे,
प्यारे प्यारे प्यारे,
तुझसा दयालु नही प्यारे,
प्यारे प्यारे प्यारे ॥
गोपिन ने तू छाछ पर प्यारे,
नाचे थई थई प्यारे,
प्यारे प्यारे प्यारे,
तुझसा दयालु नही प्यारे,
प्यारे प्यारे प्यारे ॥
अनंत चतुर्दशी की पौराणिक कथा (Anant Chaturdashi Pauranik Katha)
हरि हरि हरि सुमिरन करो - भजन (Hari Hari Hari Sumiran Karo)
मंत्र: अलसस्य कुतः विद्या (Alasasya Kutah Vidya)
तुम कृपालु प्रेमिन वश प्यारे,
अब हूँ जान्यो प्यारे,
प्यारे प्यारे प्यारे,
तुझसा दयालु नही प्यारे,
प्यारे प्यारे प्यारे ॥
Post Views: 90