भवानी मुझे दर पे बुलाती रहियो,
मैया जी मुझे दर पे बुलाती रहियो,
भवानी मुझें दर पे बुलाती रहियो ॥
ये दुनिया एक भूल भुलैया,
चलना मुझे नहीं आए मैया,
आगे आगे मेरे चलकर,
आगे आगे मेरे चलकर,
राह दिखाती रहियो,
मैया जी मुझे दर पे बुलाती रहियो,
भवानी मुझें दर पे बुलाती रहियो ॥
तू तो है बिगड़ी बनाने वाली,
सबकी भूल भुलाने वाली,
भूल कोई हो जाए मुझसे,
उसको भुलाती रहियो,
मैया जी मुझे दर पे बुलाती रहियो,
भवानी मुझें दर पे बुलाती रहियो ॥
पाप पुण्य मेरे मत देखो,
केवल अपनी शरण में लेलो,
अबतक किरपा जैसे लुटाई,
अबतक किरपा जैसे लुटाई,
वैसे लुटाती रहियो,
मैया जी मुझे दर पे बुलाती रहियो,
भवानी मुझें दर पे बुलाती रहियो ॥
जानता है ये तो जग सारा,
‘रामकुमार लख्खा’ है तुम्हारा,
कभी कभी ‘शर्मा’ के घर पर,
कभी कभी ‘शर्मा’ के घर पर,
भी तू आती रहियो,
मैया जी मुझे दर पे बुलाती रहियो,
भवानी मुझें दर पे बुलाती रहियो ॥
श्री ललिता माता की आरती (Shri Lalita Mata Ki Aarti)
महल को देख डरे सुदामा - भजन (Mahal Ko Dekh Dare Sudama)
मैया कृपा करदो झोली मेरी भरदो: भजन (Maiya Kripa Kar Do Jholi Meri Bhar Do)
भवानी मुझे दर पे बुलाती रहियो,
मैया जी मुझे दर पे बुलाती रहियो,
भवानी मुझें दर पे बुलाती रहियो ॥
दुर्गा चालीसा | आरती: जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी | आरती: अम्बे तू है जगदम्बे काली | महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् | माता के भजन