बांटो बांटो मिठाई मनाओ खुशी,
मुँह मीठा करवाओ अवध वासियो ।
आज वन से अवध आ रहे है प्रभु,
दीप माला सजाओ अवध वासियो ।
आ रहे राम रावण का संगार कर,
पापी असुरो से धरती का उधार कर,
काली कजरारी रजनी अमावस्या की,
इसे रोशन बनाओ अवध वासियो,
बांटो बांटो मिठाई मनाओ खुशी ।
माता सीता सहित श्री लखन याम्वन्त,
वीर हनुमान सुग्रीव अंगद के संग,
वो भी लंका पति श्री बीविशन को भी,
अपने वन का कराओ अवध वासियो,
बांटो बांटो मिठाई मनाओ खुशी ।
आ रहा राम का राज्ये गूंजे ये स्वर,
झूमे कुलदीप सरयू की पावन लहर,
पुष्प वर्षा करे देव देवेंदर संग,
धरती माँ को सजाओ अवध वासियो
बांटो बांटो मिठाई मनाओ खुशी ।
श्री चिंतपूर्णी देवी की आरती (Mata Shri Chintpurni Devi)
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