बम बाज रही भोले की,
चारों दिशाएं,
बम बाज रही ॥
अरे कौना ने बो दए धतूरा,
अरे कौना ने बो दई भंगिया,
बम बाज रहीं भोले की,
चारों दिशाएं,
बम बाज रही ॥
मोरे भोला ने बो दए धतूरा,
गौरा रानी ने बो दई भंगिया,
बम बाज रहीं भोले की,
चारों दिशाएं,
बम बाज रही ॥
अरे कौना ने सींचे धतूरा,
अरे कौना ने सींच दई भंगिया,
बम बाज रहीं भोले की,
चारों दिशाएं,
बम बाज रही ॥
मोरे भोला ने सींचे धतूरा,
गौरा रानी ने सींच दई भंगिया,
बम बाज रहीं भोले की,
चारों दिशाएं,
बम बाज रही ॥
अरे कौना ने खा लई धतूरा,
कौना ने पी लई भंगिया,
बम बाज रहीं भोले की,
चारों दिशाएं,
बम बाज रही ॥
माँ ऊँचे पर्वत वाली, करती शेरो की सवारी: भजन (Maa Unche Parwat Wali Karti Shero Ki Sawari)
खींचियासर गांव में मीठे जल का कूवा बतलाना
स्वर्ग खोलने की कूंची (श्री गुरु जम्भेश्वर भगवान ने बताया)
अरे नंदी ने खा लई धतूरा,
मोरे भोले ने पि लई भंगिया,
बम बाज रहीं भोले की,
चारों दिशाएं,
बम बाज रही ॥
बम बाज रही भोले की,
चारों दिशाएं,
बम बाज रही ॥