बैठी हो माँ सामने,
कर सोलह श्रृंगार,
तू करुणा की है मूरत,
और ममता का भण्डार,
बैठी हो मां सामने,
कर सोलह श्रृंगार ॥
निरख रही हो हम भक्तों को,
बड़े प्यार से जगजननी,
इसी तरह हम भक्तों को भी,
तेरी ही सेवा करनी,
तू हरदम देती रहना,
हमको माँ प्यार दुलार,
बैठी हो मां सामने,
कर सोलह श्रृंगार ॥
तेरी ममता की छाया में,
इसी तरह हम पले बढ़े,
तेरी किरपा से ही माता,
हम अपने पैरो पे खड़े,
तेरे बच्चों को देने में,
तू करती नहीं इन्कार,
बैठी हो मां सामने,
कर सोलह श्रृंगार ॥
हम बच्चों पर हरदम मैया,
आशीर्वाद तुम्हारा हो,
‘हर्ष’ कहे माँ शेरोवाली,
हरपल साथ तुम्हारा हो,
तू हाथ दया का रखना,
सांचा तेरा दरबार,
बैठी हो मां सामने,
कर सोलह श्रृंगार ॥
बैठी हो माँ सामने,
कर सोलह श्रृंगार,
तू करुणा की है मूरत,
और ममता का भण्डार,
बैठी हो मां सामने,
कर सोलह श्रृंगार ॥
पार्वती वल्लभा अष्टकम् (Parvati Vallabha Ashtakam)
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