भजन: आजु मिथिला नगरिया निहाल सखिया (Aaj Mithila Nagariya Nihar Sakhiya)

jambh bhakti logo

आजु मिथिला नगरिया निहाल सखिया,
चारों दुलहा में बड़का कमाल सखिया!

शिश मणी मौरिया, कुण्डल सोहे कनमा,
कारी कारी कजरारी जुलमी नयनमा,

लाल चंदन सोहे इनके भाल सखिया,
चारों दुलहा में बड़का कमाल सखिया!

श्यामल-श्यामल, गोरे- गोरे, जोड़ीया जहान रे,
अँखिया ना देखनी सुनलीं ने कान हे

जुगे जुगे, जीबे जोड़ी बेमिसाल सखिया
चारों दुलहा में बड़का कमाल सखिया!

गगन मगन आजु, मगन धरतिया,
देखि देखि दुलहा जी के, साँवर सुरतिया,

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 1 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 1)

श्री रुद्राष्टकम् (Shri Rudrashtakam)

हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी: होली भजन (Hari Sir Dhare Mukut Khele Hori)

बाल वृद्ध, नर-नारी, सब बेहाल सखिया
चारों दुलहा में बड़का कमाल सखिया!

जेकरा लागी जोगी मुनि, जप तप कईले,
से मोरा मिथिला में पाहुन बन के अईले
आजु लोढ़ा से सेदाई इनके गाल सखिया..
चारों दुलहा में बड़का कमाल सखिया!

Picture of Sandeep Bishnoi

Sandeep Bishnoi

Leave a Comment