जरी की पगड़ी बांधे,
सुंदर आँखों वाला,
कितना सुंदर लागे बिहारी,
कितना लागे प्यारा,
जरी की पगड़ी बाँधे ॥
कानों में कुण्डल साजे,
सिर मोर मुकुट विराजे,
सखियाँ पगली होती,
जब जब होठों पे बंसी बाजे,
हैं चंदा यह सांवरा,
तारे हैं ग्वाल बाला,
कितना सुंदर लागे बिहारी,
कितना लागे प्यारा,
जरी की पगड़ी बाँधे ॥
जरी की पगड़ी बांधे,
सुंदर आँखों वाला,
कितना सुंदर लागे बिहारी,
कितना लागे प्यारा,
जरी की पगड़ी बाँधे ॥
लट घुंघराले बाल,
तेरे कारे कारे गाल,
सुन्दर श्याम सलोना,
तेरी टेढ़ी मेढ़ी चाल,
हवा में सर सर करता,
तेरा पीताम्बर मतवाला,
कितना सुंदर लागे बिहारी,
कितना लागे प्यारा,
जरी की पगड़ी बाँधे ॥
जरी की पगड़ी बांधे,
सुंदर आँखों वाला,
कितना सुंदर लागे बिहारी,
कितना लागे प्यारा,
जरी की पगड़ी बाँधे ॥
मुख पे माखन मलता,
तू बल घुटने के चलता,
देख यशोदा भाग्य को,
देवों का मन भी जलता,
माथे पे तिलक है सोहे,
आँखों में काजल डारा,
कितना सुंदर लागे बिहारी,
कितना लागे प्यारा,
जरी की पगड़ी बाँधे ॥
मुझे खाटू बुलाया है: भजन (Mujhe Khatu Bulaya Hai)
भज गोविन्दम्, भज गोविन्दम् - भजन (Bhaja Govindam, Bhaja Govindam)
नाकोड़ा के भैरव तुमको आना होगा - भजन (Nakoda Ke Bhairav Tumko Aana Hoga)
जरी की पगड़ी बांधे,
सुंदर आँखों वाला,
कितना सुंदर लागे बिहारी,
कितना लागे प्यारा,
जरी की पगड़ी बाँधे ॥
तू जब बंसी बजाए,
तब मोर भी नाच दिखाए,
यमुना में लहरें उठती,
और कोयल कू कू गाए,
हाथ में कँगन पहने,
और गल वैजंती माला
कितना सुंदर लागे बिहारी,
कितना लागे प्यारा,
जरी की पगड़ी बाँधे ॥
जरी की पगड़ी बांधे,
सुंदर आँखों वाला,
कितना सुंदर लागे बिहारी,
कितना लागे प्यारा,
जरी की पगड़ी बाँधे ॥