ज्योति कलश छलके
ज्योति कलश छलके
ज्योति कलश छलके
ज्योति कलश छलके
हुए गुलाबी, लाल सुनहरे
रंग दल बादल के
ज्योति कलश छलके
घर आंगन वन उपवन उपवन
करती ज्योति अमृत के सींचन
मंगल घट ढल के
मंगल घट ढल के
ज्योति कलश छलके
पात पात बिरवा हरियाला
धरती का मुख हुआ उजाला
सच सपने कल के
सच सपने कल के
ज्योति कलश छलके
ऊषा ने आँचल फैलाया
फैली सुख की शीतल छाया
नीचे आँचल के
नीचे आँचल के
ज्योति कलश छलके
ज्योति यशोदा धरती मैय्या
नील गगन गोपाल कन्हैय्या
श्यामल छवि झलके
श्यामल छवि झलके
ज्योति कलश छलके
जाट वर्ग तथा समराथल ...... समराथल कथा भाग 7
यह तो प्रेम की बात है उधो: भजन (Bhajan: Ye Too Prem Ki Baat Hai Udho)
श्री शङ्कराचार्य कृतं - शिव स्वर्णमाला स्तुति (Shiv Swarnamala Stuti)
अम्बर कुमकुम कण बरसाये
फूल पँखुडियों पर मुस्काये
बिन्दु तुहिन जल के
बिन्दु तुहिन जल के
ज्योति कलश छलके