हे शिव भोले मुझ पर,
दो ऐसा रंग चढ़ाय,
रोम रोम मेरा शिव बोले,
मन बोले नमः शिवाय ॥
हे शिव शंकर हे करुणाकर,
हे त्रिभुवन के स्वामी,
है रामेश्वर जय महाकाल,
श्री नागेस्वर अन्तर्यामी,
बैधनाथ है सोमनाथ,
तुम भोले दिगम्बराय,
रोम रोम मेरा शिव बोले,
मन बोले नमः शिवाय ॥
मन मेरा शिवाला हो,
और दिल में हो तेरी मूरत,
जब जब भी आंखे खोलू,
मेरे सामने तेरी हो सूरत,
अब रहे न तुमसे दूरी,
कर दो ऐसा उपाय,
रोम रोम मेरा शिव बोले,
मन बोले नमः शिवाय ॥
स्वार्थ भरी दुनिया में भोले,
एक आसरा तेरा,
पक्का है विश्वास मुझे,
तू भर देगा दामन मेरा,
‘दिलबर’ दिल से दिल का,
ये तार जुड़ जाय,
रोम रोम मेरा शिव बोले,
मन बोले नमः शिवाय ॥
मैया मैं तेरी पतंग: भजन (Maiya Main Teri Patang)
अक्षय तृतीया: श्रीकृष्ण का मुंडन संस्कार (Akshaya Tritiya: Shri Krishna Mundan Sanskar)
म्हारा उज्जैन का महाराजा ने, खम्मा रे खम्मा: भजन (Mhara Ujjain Ka Maharaja Ne Khamma Re Khamma)
हे शिव भोले मुझ पर,
दो ऐसा रंग चढ़ाय,
रोम रोम मेरा शिव बोले,
मन बोले नमः शिवाय ॥