आरती युगलकिशोर की कीजै (Aarti Shri Yugal Kishoreki Keejai)

आरती युगलकिशोर की कीजै ।
तन मन धन न्योछावर कीजै ॥
गौरश्याम मुख निरखन लीजै ।
हरि का रूप नयन भरि पीजै ॥

रवि शशि कोटि बदन की शोभा ।
ताहि निरखि मेरो मन लोभा ॥

ओढ़े नील पीत पट सारी ।
कुंजबिहारी गिरिवरधारी ॥

फूलन सेज फूल की माला ।
रत्न सिंहासन बैठे नंदलाला ॥

कंचन थार कपूर की बाती ।
हरि आए निर्मल भई छाती ॥

बिसर गई सब तात पराई - शब्द कीर्तन (Bisar Gai Sab Taat Paraai)

सांवरियो आवेलो: भजन (Sanwariyo Aavelo)

मैया आरासुरी करजो आशा पूरी: भजन (Maiya Aarasuri Kar Jo Aasha Puri)

श्री पुरुषोत्तम गिरिवरधारी ।
आरती करें सकल नर नारी ॥

नंदनंदन बृजभान किशोरी ।
परमानंद स्वामी अविचल जोरी ॥

Picture of Sandeep Bishnoi

Sandeep Bishnoi

Leave a Comment