वक्रतुण्ड महाकाय – गणेश मंत्र (Vakratunda Mahakaya Ganesh Shlok)

jambh bhakti logo

किसी भी प्रकार के कार्य प्रारंभ करने के पूर्व श्री गणेश जी का स्मरण इस मंत्र के साथ अवश्य करना चाहिए, आपके शुभकार्य निश्चित ही सिद्ध होंगे।
वक्रतुण्ड महाकाय
सूर्यकोटि समप्रभ ।

निर्विघ्नं कुरु मे देव
सर्वकार्येषु सर्वदा ॥

हिन्दी रूपांतरण:
वक्रतुण्ड: घुमावदार सूंड
महाकाय: महा काया, विशाल शरीर
सूर्यकोटि: सूर्य के समान
समप्रभ: महान प्रतिभाशाली
निर्विघ्नं: बिना विघ्न
कुरु: पूरे करें
मे: मेरे
देव: प्रभु
सर्वकार्येषु: सारे कार्य
सर्वदा: हमेशा, सदैव

घुमावदार सूंड वाले, विशाल शरीर काय, करोड़ सूर्य के समान महान प्रतिभाशाली।
मेरे प्रभु, हमेशा मेरे सारे कार्य बिना विघ्न के पूरे करें (करने की कृपा करें)॥

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 1 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 1)

साखी - आये म्हारे जम्भ गुरु जगदीश,साखी - निवण करू गुरु जम्भने,साखी - साधे मोमणे कीयो रे इलोच

भोलेनाथ की दीवानी, गौरा रानी लागे: भजन (Bholenath Ki Deewani Gora Rani Lage)

Sandeep Bishnoi

Sandeep Bishnoi

Leave a Comment