स्वस्ति: प्रजाभ्यः परिपालयंतां – लोकक्षेम मंत्र (Svasti Prajabhyah Paripalayantam)

jambh bhakti logo

स्वस्ति: प्रजाभ्यः परिपालयंतां
न्यायेन मार्गेण महीं महीशाः ।
गो ब्राह्मणेभ्यः शुभमस्तु नित्यं
लोकाः समस्ताः सुखिनोभवंतु ॥
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ।

लोकक्षेम मंत्र | सम्पूर्ण विश्व के कल्याण का मंत्र

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 34 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 34)

गंगा के खड़े किनारे, भगवान् मांग रहे नैया: भजन (Ganga Ke Khade Kinare Bhagwan Mang Rahe Naiya)

म्हापे जद भी मुसीबत, कोई आवन लागे: भजन (Mhape Jad Bhi Musibat Koi Aavan Laage)

Sandeep Bishnoi

Sandeep Bishnoi

Leave a Comment