स्वस्ति: प्रजाभ्यः परिपालयंतां
न्यायेन मार्गेण महीं महीशाः ।
गो ब्राह्मणेभ्यः शुभमस्तु नित्यं
लोकाः समस्ताः सुखिनोभवंतु ॥
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ।
लोकक्षेम मंत्र | सम्पूर्ण विश्व के कल्याण का मंत्र
गौरी गणेश मनाऊँ आज सुध लीजे हमारी - भजन (Gauri Ganesh Manau Aaj Sudh Lije Hamari)
माँ के चरणों में ही तो, वो जन्नत होती है: भजन (Maa Ke Charno Mein Hi To Vo Jannat Hoti Hai)
Post Views: 881