कूष्मांडा आरती (Kushmanda Aarti)

jambh bhakti logo

माँ कूष्मांडा आरती:
कूष्मांडा जय जग सुखदानी ।
मुझ पर दया करो महारानी ॥
पिगंला ज्वालामुखी निराली ।
शाकंबरी मां भोली भाली ॥

लाखों नाम निराले तेरे ।
भक्त कई मतवाले तेरे ॥

भीमा पर्वत पर है डेरा ।
स्वीकारो प्रणाम ये मेरा ॥

सबकी सुनती हो जगदंबे ।
सुख पहुंचती हो मां अंबे ॥

तेरे दर्शन का मैं प्यासा ।
पूर्ण कर दो मेरी आशा ॥

मां के मन में ममता भारी ।
क्यों ना सुनेगी अरज हमारी ॥

पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 14 (Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 14)

पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 4 (Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 4)

ऊँचे ऊँचे पर्वत पे, शारदा माँ का डेरा है: भजन (Unche Unche Parvat Pe Sharda Maa Ka Dera Hai)

तेरे दर पर किया है डेरा ।
दूर करो माँ संकट मेरा ॥

मेरे कारज पूरे कर दो ।
मेरे तुम भंडारे भर दो ॥

तेरा दास तुझे ही ध्याए ।
भक्त तेरे दर शीश झुकाए ॥

Picture of Sandeep Bishnoi

Sandeep Bishnoi

Leave a Comment