माँ कूष्मांडा आरती:
कूष्मांडा जय जग सुखदानी ।
मुझ पर दया करो महारानी ॥
पिगंला ज्वालामुखी निराली ।
शाकंबरी मां भोली भाली ॥
लाखों नाम निराले तेरे ।
भक्त कई मतवाले तेरे ॥
भीमा पर्वत पर है डेरा ।
स्वीकारो प्रणाम ये मेरा ॥
सबकी सुनती हो जगदंबे ।
सुख पहुंचती हो मां अंबे ॥
तेरे दर्शन का मैं प्यासा ।
पूर्ण कर दो मेरी आशा ॥
मां के मन में ममता भारी ।
क्यों ना सुनेगी अरज हमारी ॥
श्री गुरु जम्भेश्वर भगवान गोचारण लीला भाग 1
सोहर: जुग जुग जियसु ललनवा (Sohar: Jug Jug Jiya Su Lalanwa Ke)
बिल्वाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् (Bilva Ashtottara Shatnam Stotram)
तेरे दर पर किया है डेरा ।
दूर करो माँ संकट मेरा ॥
मेरे कारज पूरे कर दो ।
मेरे तुम भंडारे भर दो ॥
तेरा दास तुझे ही ध्याए ।
भक्त तेरे दर शीश झुकाए ॥
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