
दूर नगरी, बड़ी दूर नगरी: भजन (Door Nagari Badi Door Nagri)
दूर नगरी, बड़ी दूर नगरी कैसे आऊं मैं कन्हैया, तेरी गोकुल नगरी कैसे आऊं मैं कन्हाई, तेरी गोकुल नगरी बड़ी दूर नगरी कान्हा दूर नगरी,
दूर नगरी, बड़ी दूर नगरी कैसे आऊं मैं कन्हैया, तेरी गोकुल नगरी कैसे आऊं मैं कन्हाई, तेरी गोकुल नगरी बड़ी दूर नगरी कान्हा दूर नगरी,
तेरे बिना श्याम, हमारा नहीं कोई रे, हमारा नहीं कोई रे, सहारा नहीं कोई रे, तेरें बिना श्याम, हमारा नहीं कोई रे ॥ अमुवा की
गुरु शिव को बना लीजिए, भक्ति से घर सजा लीजिये ॥ कर नहीं है तो लाचार है, है तो ताली बजा दीजिये । गुरु शिव
मंदिर-मंदिर जाकर प्राणी, ढूंढ रहा भगवान, कण-कण में है राम समाया, जान सके तो जान, कण-कण में है राम समाया, जान सके तो जान ॥
बृन्दावन का कृष्ण कन्हैया सब की आँखों का तारा मन ही मन क्यों जले राधिका मोहन तो है सब का प्यारा ॥ बृन्दावन का कृष्ण
बांके बिहारी मुझे देना सहारा, कहीं छूट जाए ना दामन तुम्हारा॥ तेरे सिवा दिल में समाए ना कोई, लगन का यह दीपक भुजाये ना कोई,
नमो नमो जय, नमो शिवाय नमो नमो जय, नमो शिवाय कितने भोले मेरे शिव हैं कितने भोले मेरे शिव हैं करते हैं कमाल शंकर नमो