गुरु शिव को बना लीजिए,
भक्ति से घर सजा लीजिये ॥
कर नहीं है तो लाचार है,
है तो ताली बजा दीजिये ।
गुरु शिव को बना लीजिये,
भक्ति से घर सजा लीजिये ॥
गुरु सेवा से ही ज्ञान का,
ज्योति दिल में जला लीजिये ।
गुरु शिव को बना लीजिये,
भक्ति से घर सजा लीजिये ॥
शिष्य बनने से जो कुछ मिला,
दुसरो को बता दीजिए ।
गुरु शिव को बना लीजिये,
भक्ति से घर सजा लीजिये ॥
गुरु शिव से न अच्छे कोई,
अगर हो तो बता दीजिए ।
गुरु शिव को बना लीजिये,
भक्ति से घर सजा लीजिये ॥
कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 21 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 21)
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कर नहीं है तो लाचार है,
है तो ताली बजा दीजिये ।
गुरु शिव को बना लीजिये,
भक्ति से घर सजा लीजिये ॥
गुरु शिव को बना लीजिए,
भक्ति से घर सजा लीजिये ॥
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