तेरी करती रहूँ मैं चाकरी, वरदान यही मैं चाहूँ: भजन (Teri Karti Rahu Main Chakri Vardan Yahi Main Chahu)

jambh bhakti logo

तेरी करती रहूं मैं चाकरी,
वरदान यही मैं चाहूँ,
वरदान यही मैं चाहूँ,
वरदान यही मैं चाहूँ,
वरदान यही मैं चाहूँ,
तेरी करती रहूँ मैं चाकरी,
वरदान यही मैं चाहूँ,
माँ शेरावाली वर देना,
माँ ज्योता वाली वर देना ॥

एक जनम क्या कई जन्मों तक,
तेरी सेवा पाऊं,
सुन्दर सुन्दर इन हाथों से,
तेरे द्वार सजाऊँ,
मेरी लगती रहें दर हाजरी,
वरदान यही मैं चाहूँ,
तेरी करती रहूँ मैं चाकरी,
वरदान यही मैं चाहूँ ॥

अपनी आँखों के पलकों से,
तेरा अंगना बुहारूं,
तन मन के फूलों से,
अम्बे मंदिर तेरा सवारुं,
बस मैं ये चाहूँ तेरी चाकरी,
वरदान यही मैं चाहूँ,
तेरी करती रहूँ मैं चाकरी,
वरदान यही मैं चाहूँ ॥

तेरी करती रहूं मैं चाकरी,
वरदान यही मैं चाहूँ,
वरदान यही मैं चाहूँ,
वरदान यही मैं चाहूँ,
वरदान यही मैं चाहूँ,
तेरी करती रहूँ मैं चाकरी,
वरदान यही मैं चाहूँ,
माँ शेरावाली वर देना,
माँ ज्योता वाली वर देना ॥

श्री काशी विश्वनाथ अष्टकम: मंत्र (Kashi Vishwanath Ashtakam)

आओ विनायक म्हारे, आंगणिये पधारो: भजन (Aao Vinayak Mhare Aanganiye Padharo)

श्रीहनुमत् पञ्चरत्नम् (Shri Hanumat Pancharatnam)

दुर्गा चालीसा | आरती: जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी | आरती: अम्बे तू है जगदम्बे काली | महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् | माता के भजन

Sandeep Bishnoi

Sandeep Bishnoi

Leave a Comment