सो सतगुरु प्यारा मेरे नाल है,
जिथे किथे मैनु लै छडाई
तिस गुरु कौ हौ वारिया,
जिन हर की हर कथा सुनाई,
तिस गुरु को सद बल हारनै,
जिन हर सेवा बड़त बड़ाई,
सो सतगुरु प्यारा मेरे नाल है
तिस गुर कौ शाबाश हैं,
जिन हर सो जी पाई,
नानक गुर वीटो वारया
जिन हर नाम दिया,
मेरे मन की आश पुराई,
सो सतगुरु प्यारा मेरे नाल हैं
सो सतगुरु प्यारा मेरे नाल हैं,
जिथे किथे मैनु लै छडाइ
जय राधा माधव, जय कुन्ज बिहारी - भजन (Jai Radha Madhav, Jai Kunj Bihari)
श्री चित्रगुप्त जी की आरती - श्री विरंचि कुलभूषण (Shri Chitragupt Aarti - Shri Viranchi Kulbhusan)
Post Views: 171