शिव सन्यासी से मरघट वासी से: भजन (Shiv Sanyasi Se Marghat Wasi Se)

jambh bhakti logo

शिव सन्यासी से मरघट वासी से,
मैया करूँगी मैं तो ब्याह,
मैं शिव को ध्याऊँगी,
उन्ही को पाऊँगी,
शिव संग करूँगी मैं तो ब्याह,
हाँ शिव संग मैं तो करूँगी ब्याह,
शिव संन्यासी से मरघट वासी से,
मैया करूँगी मैं तो ब्याह ॥

मैना ने समझाया,
वो है समशान का वासी,
तू महलों की रानी,
तू कैसे बनेगी दासी
गौरा तू सोचले सोचले,
कैसे करेगी ब्याह,
शिव संन्यासी से मरघट वासी से,
मैया करूँगी मैं तो ब्याह ॥

बाबा हिमाचल देखो,
सब ऋषियो को ले आए,
सबने मिलकर देखो,
फिर गौरा को समझाए,
औघड़ है योगी है योगी है,
कैसे होगा निबाह,
शिव संन्यासी से मरघट वासी से,
मैया करूँगी मैं तो ब्याह ॥

ना मानी थी गौरा,
वो शिव के ध्यान में लागी,
शिव की याद में सोई,
वो शिव की याद में जागी,
जनम जनम का साथ है साथ है,
जन्मो का रिश्ता,
शिव संन्यासी से मरघट वासी से,
मैया करूँगी मैं तो ब्याह ॥

कभी फुर्सत हो तो जगदम्बे - भजन (Kabhi Fursat Ho To Jagdambe)

बनकर के धूल के कण, चरणों से लिपट जाऊं: भजन (Bankar Ke Dhool Ke Kan, Charno Se Lipat Jaun)

जिस घर में मैया का, सुमिरन होता: भजन (Jis Ghar Mein Maiya Ka Sumiran Hota)

शिव सन्यासी से मरघट वासी से,
मैया करूँगी मैं तो ब्याह,
मैं शिव को ध्याऊँगी,
उन्ही को पाऊँगी,
शिव संग करूँगी मैं तो ब्याह,
हाँ शिव संग मैं तो करूँगी ब्याह,
शिव संन्यासी से मरघट वासी से,
मैया करूँगी मैं तो ब्याह ॥

Picture of Sandeep Bishnoi

Sandeep Bishnoi

Leave a Comment