शंकर के द्वारे चले काँवरिया
भोले के प्यारे चले काँवरिया
जय हो तेरी हे त्रिपुरारी
तीन लोक तुझपे बलिहारी
गुण गाएँ तेरे नर-नारी
शंकर के द्वारे चले काँवरिया
भोले के द्वारे चले काँवरिया
जय हो तेरी हे त्रिपुरारी
तीन लोक तुझपे बलिहारी
गुण गाएँ तेरे नर-नारी
हे शक्ति त्रिशूल धरण
रस्ते में जितने शूल मिलें
पैरों में चुभें जितने कांटे
उतने श्रद्धा के फूल खिले
बम बम भोले जपता जा
शंभू का सुमिरन करता जा
विश्वाश अगर दृढ है अपना
मुश्किल रस्ते कट जायेंगे
कांधे पे लिए हम काँवर ये
कब तेरी शरण में आएंगे
चलते चलते चलते जाओ
बम भोले का ध्यान लगाओ
मन में सच्चा ज्ञान जगाओ
ओम ओम ओम
शंकर के द्वारे चले काँवरिया
भोले के प्यारे चले काँवरिया
कानों में आवाजें आती हैं
तेरे मंदिर में जो शंख बजे
उड़कर पहुंचेंगे द्वारे तेरे
हमको भक्ति के पंख लगे
बम बम भोले जपता जा
शंभू का सुमिरन करता जा
इस मन में तेरे दर्शन की
अब इच्छा हो गई तीव्र बड़ी
ना विपदा कोई रोक सके,
ना रोक सकेगी धूप कड़ी
चलते चलते चलते जाओ,
बम भोले का ध्यान लगाओ
मन में सच्चा ज्ञान जगाओ,
ओम ओम ओम
शंकर के द्वारे चले काँवरिया
भोले के प्यारे चले काँवरिया
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गुरु आसन समराथल भाग 3 ( Samarathal Dhora )
पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 4 (Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 4)
शिव ॐ का जाप करें,
रस्ते की काम हो जाएगी दूरी
कब चढ़ें काँवरिया द्वार तेरे,
कब ये अभिलाषा हो पूरी
बम बम भोले जपता जा
शंभू का सुमिरन करता जा
आँखों से गंगाजल छलके,
हाथों में काँवरिया है तोरी
तू खींच ले अपनी तरफ हमें,
तेरे हाथ में है सबकी डोरी
चलते चलते चलते जाओ,
बम भोले का ध्यान लगाओ
मन में सच्चा ज्ञान जगाओ,
ओम ओम ओम
शंकर के द्वारे चले काँवरिया
भोले के प्यारे चले काँवरिया
शंकर के द्वारे चले काँवरिया
भोले के प्यारे चले काँवरिया
जय हो तेरी हे त्रिपुरारी
तीन लोक तुझपे बलिहारी
गुण गाएँ तेरे नर-नारी
शंकर के द्वारे चले काँवरिया
भोले के प्यारे चले काँवरिया
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