आंख फरुके बोले कागलियो,
म्हारो हरसे छे हिवड़ो आज,
सांवरियो आवेलो,
म्हारो हरसे छे हिवड़ो आज,
सांवरियो आवैलो,
आंख फरुके बोले कागलियो ॥
मनड़े रो मीत मिलन म्हासू आवे,
मन हरसे नैणां नीर बहावे,
मैं तो घणो ही करुला मनवार,
सांवरियो आवैलो,
आंख फरुके बोले कागलियो ॥
भोऴो सो पंछी हूं नेम ना जाणूं,
पूजा विधि कोई मंत्र ना जाणू,
मैं तो जाणूं जाणूं बस थारो नाम,
सांवरियो आवैलो,
आंख फरुके बोले कागलियो ॥
मिलस्यां बाबाजी थासू बातां करालां,
मनड़े री सारी मैं आज कवालां,
थासुं मिलने रो मनड़े में चाव.
सांवरियो आवैलो,
आंख फरुके बोले कागलियो ॥
गुण अवगुण म्हारा ध्यान न दीजों,
दृष्टि दया की बाबा म्हारे पे किजों,
म्हाने थारो ही है इक आधार,
सांवरियो आवैलो,
आंख फरुके बोले कागलियो ॥
मंगलवार व्रत कथा (Mangalwar Vrat Katha)
सुनो मैया मेरी सरकार, दास तेरा हो जाऊं: भजन (Suno Maiya Meri Sarkar Daas Tera Ho Jaun)
प्रीत मे पूजे नाम तुम्हारा: भजन (Preet Main Puje Naam Tumhara)
आंख फरुके बोले कागलियो,
म्हारो हरसे छे हिवड़ो आज,
सांवरियो आवेलो,
म्हारो हरसे छे हिवड़ो आज,
सांवरियो आवैलो,
आंख फरुके बोले कागलियो ॥