संसार के लोगों से आशा ना किया करना,
जब कोई ना हो अपना,
श्री कृष्ण कहा करना ।
कृष्णा कृष्णा कृष्णा कृष्णा
जीवन के समुन्दर में,
तूफ़ान भी आतें हैं,
जो हरि को भजतें हैं,
हरि आप बचाते हैं ।
वो आप ही आएंगे,
बस याद किया करना,
जब साथ ना दे कोई,
श्री कृष्णा जपा करना ॥
यह सोच अरे बन्दे,
प्रभु तुझ से दूर नहीं,
कोई कष्ट हो भगतों को,
प्रभु को मंजूर नहीं ।
भगवान को आता है,
भगतों पे दया करना,
जब कोई ना हो अपना,
श्री कृष्णा कहा करना ॥
मत भूल अरे भैया,
यह देस बेगाना है,
दुनिया में आ कर के,
वापस तुझे जाना है ।
माया के बंधन से,
दिन रात बचा करना,
जब कोई ना हो अपना,
श्री कृष्ण कहा करना ॥
कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 8 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 8)
पापांकुशा एकादशी व्रत कथा (Papankusha Ekadashi Vrat Katha)
शुक्रवार संतोषी माता व्रत कथा (Shukravar Santoshi Mata Vrat Katha)
द्रोपदी ने पुकारा था,
प्रभु भी बेचैन हुए,
वो चीर बढ़ाने को,
खुद चीर में प्रगट हुए ।
वोही लाज बचाएंगे,
बस ध्यान किया करना,
जब कोई ना हो अपना,
श्री कृष्ण कहा करना ॥