सभकेर सुधि अहाँ लै छी हे अम्बे
हमरा किए बिसरै छी हे
थिकहुँ पुत्र अहींकेर जननी
से तऽ अहाँ जनै छी हे
एहन निष्ठुर किए अहाँ भेलहुँ
कनिको दृष्टि नहि दै छी हे
क्षण-क्षण पल-पल ध्यान करै छी
नाम अहींकेर जपै छी हे
रैनि-दिवस हम ठाढ़ रहै छी
दर्शन बिनु तरसै छी हे
छी जगदम्बा, जग अवलम्बा
तारिणि तरणि बनै छी हे
संकटा माता व्रत कथा (Sankata Mata Vrat Katha)
जांभोजी का जैसलमेर पधारना भाग 2
हमरा बेरि किए ने तकै छी
पापी जानि ठेलै छी हे
सभ के सुधि अहाँ लै छी हे अम्बे
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