“….बोरी मत जाने , वृषभानु की किशोरी छे
होरी में तोसो काहु भाँति नही हारेगी
लाल तोहे पकर नचावे, गाल गुलचा लगावे
तोहे राधिका बानवे, आप कृष्णा बन जावेगी
प्रेमी कहे बलिहार, आप कृष्णा बन जावेगी…”
रसिया को नार बनावो री रसिया को ॥
कटि लहंगा गल माल कंचुकी,
वाको चुनरी शीश उढाओ री,
रसिया को नार बनावो री रसिया को ॥
बाँह बडा बाजूबंद सोहे,
वाको नकबेसर पहराओ री,
रसिया को नार बनावो री रसिया को ॥
लाल गुलाल दृगन बिच काजर,
वाको बेंदी भाल लगावो री,
रसिया को नार बनावो री रसिया को ॥
आरसी छल्ला और खंगवारी,
वाको अनपट बिछुआ पहराओ री,
रसिया को नार बनावो री रसिया को ॥
श्री पंच-तत्व प्रणाम मंत्र (Panch Tattva Pranam Mantra)
अक्षय तृतीया: श्रीकृष्ण का मुंडन संस्कार (Akshaya Tritiya: Shri Krishna Mundan Sanskar)
सुपात्र एवं कुपात्र विचार(दान किसे देना चाहिए किसे नहीं......?)
नारायण करतारी बजाय के,
वाको जसुमति निकट नचाओ री,
रसिया को नार बनावो री रसिया को ॥
रसिया को नार बनावो री रसिया को ॥
रसिया को नार बनावो री रसिया को ॥