रक्षा करो मेरे राम,
रक्षा करों मेरे राम,
मन की लगी है तुमसे ही भगवन,
मन की लगी है तुमसे ही भगवन,
पूजूँ तुम सुबह शाम,
रक्षा करो मेरे राम,
रक्षा करो मेरें राम ॥
मन में यकीं है ये सदा,
छूटे ना द्वार तुम्हारा,
नाता जुड़ा तुमसे मेरा,
तुम ही हो मेरा सहारा,
प्राणो की सांसे तुमसे ही भगवन,
बिगड़े बने सारे काम,
रक्षा करो मेरें राम,
रक्षा करो मेरें राम ॥
शोभित सदा होता रहा,
रघुवर तुम्हारा ही द्वारा,
धरती गगन गूंजे सदा,
भजनों से संसार सारा,
जयकारो से गूंजे ये दुनिया,
जयकारो से गूंजे ये दुनिया,
गूंजे गगन तेरा नाम,
रक्षा करो मेरें राम,
रक्षा करो मेरें राम ॥
डूबे रवि लाली लिए,
सरयू नदी का किनारा,
चलती पवन चमके नयन,
इस पल में मन को संवारा,
इस जीवन की महकी है बगिया,
इस जीवन की महकी है बगिया,
जीवन किया तेरे नाम,
रक्षा करो मेरें राम,
रक्षा करो मेरें राम ॥
फैली किरण महके सुमन,
दीपों सा फैले उजाला,
मदिर सजे आँगन सजे,
हर्षित हुआ दिल हमारा,
मन मेरा मंदिर मूरत है तेरी,
मन मेरा मंदिर मूरत है तेरी,
ये जग बना तेरा धाम,
रक्षा करो मेरें राम,
रक्षा करो मेरें राम ॥
जम्भेश्वर भगवान शिशु अवस्था। समराथल धोरा कथा। भाग 3
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श्री तुलसी स्तुति (Shri Tulsi Stuti)
रक्षा करो मेरे राम,
रक्षा करों मेरे राम,
मन की लगी है तुमसे ही भगवन,
मन की लगी है तुमसे ही भगवन,
पूजूँ तुम सुबह शाम,
रक्षा करो मेरें राम,
रक्षा करो मेरें राम ॥