दरबार तेरा दरबारों में,
एक ख़ास एहमियत रखता है।
उसको वैसा मिल जाता है,
जो जैसी नियत रखता है॥
बड़ा प्यारा सजा है तेरा द्वार भवानी।
भक्तों की लगी है कतार भवानी॥
ऊँचे पर्बत भवन निराला।
आ के शीश निवावे संसार, भवानी॥
प्यारा सजा है द्वार भवानी॥
जगमग जगमग ज्योत जगे है।
तेरे चरणों में गंगा की धार, भवानी॥
तेरे भक्तों की लगी है कतार, भवानी॥
लाल चुनरिया लाल लाल चूड़ा।
गले लाल फूलों के सोहे हार, भवानी॥
प्यारा सजा है द्वार, भवानी॥
सावन महीना मैया झूला झूले।
देखो रूप कंजको का धार भवानी॥
प्यारा सजा है द्वार भवानी॥
सावन की बरसे बदरिया: भजन (Sawan Ki Barse Badariya Maa Ki Bhingi Chunariya)
काले काले बदरा, घिर घिर आ रहे है: भजन (Kaale Kaale Badra Ghir Ghir Aa Rahe Hai)
आ जाओ भोले बाबा मेरे मकान मे - भजन (Aa Jao Bhole Baba Mere Makan Me)
पल में भरती झोली खाली।
तेरे खुले दया के भण्डार, भवानी॥
तेरे भक्तों की लगी है कतार, भवानी॥
लक्खा को है तेरा सहारा माँ।
करदे अपने सरल का बेडा पार, भवानी॥
प्यारा सजा है द्वार भवानी॥
दुर्गा चालीसा | आरती: जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी | आरती: अम्बे तू है जगदम्बे काली | महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् | माता के भजन