पाप बढ़ गया है,
कुछ तो काम कीजिये,
रोज़ रोज़ राम जी का,
नाम लीजिये ॥
काम क्रोध मद लोभ,
सबका हैं बढ़ गया,
पाप का ही राज हैं,
ये तो सर पे चढ़ गया,
बदल गई दुनिया,
ये काम कीजिये,
रोज़ रोज़ राम जी का,
नाम लीजिये ॥
नाम श्री राम का ही,
सबको उबारेगा,
अमर वो हो जाएगा जो,
इनको पुकारेगा,
प्रभु का ही नाम सुबह ओ,
शाम लीजिये,
रोज़ रोज़ राम जी का,
नाम लीजिये ॥
लीजिये प्रभु का नाम,
आप कितने प्यारे हैं,
सच्चे कर्म करने वाले,
प्रभु के दुलारे हैं,
हरि के चरण में,
सब कुछ दान कीजिये,
रोज़ रोज़ राम जी का,
नाम लीजिये ॥
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कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 7 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 7)
पाप बढ़ गया है,
कुछ तो काम कीजिये,
रोज़ रोज़ राम जी का,
नाम लीजिये ॥
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