म्हाने प्राणा सु भी प्यारी,
माता रानी लागे,
माता रानी लागे,
म्हाने शेरोवाली मैया,
राज रानी लागे ॥
हाथां ले त्रिशूल भवानी,
सिंह पे चढ़ के आई,
घर में म्हारे आकर मैया,
म्हारो मान बढाई,
म्हापे हुकुम चलावे,
माँ धिरानी लागे,
म्हाने शेरावाली मैया,
राज रानी लागे ॥
थारा चरण पड्या तो मैया,
खुल गई क़िस्मत म्हारी,
‘हर्ष’ कवे माँ टाबरिया पे,
हो गई किरपा भारी,
थारी म्हारी मैया प्रीत,
पुराणी लागे पुराणी लागे,
म्हाने शेरावाली मैया,
राज रानी लागे ॥
म्हाने प्राणा सु भी प्यारी,
माता रानी लागे,
माता रानी लागे,
म्हाने शेरोवाली मैया,
राज रानी लागे ॥
दुर्गा सप्तशती सिद्ध सम्पुट मंत्र (Durga Saptashati Siddha Samput Mantra)
उत्तर प्रदेशीय जमात सहित ऊदे का सम्भराथल आगमन ......समराथल कथा भाग 8
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