भजन: मन तड़पत हरि दर्शन को आज (Mann Tarpat Hari Darshan Ko Aaj)

jambh bhakti logo

मन तड़पत हरि दर्शन को आज
मोरे तुम बिन बिगड़े सकल काज
विनती करत हूँ रखियो लाज
॥ मन तड़पत हरि…॥

तुम्हरे द्वार का मैं हूँ जोगी
हमरी ओर नज़र कब होगी
सुन मोरे व्याकुल मन का बात
॥ मन तड़पत हरि…॥

बिन गुरू ज्ञान कहाँ से पाऊँ
दीजो दान हरी गुन गाऊँ
सब गुनी जन पे तुम्हारा राज
॥ मन तड़पत हरि…॥

मुरली मनोहर आस न तोड़ो
दुख भंजन मोरा साथ न छोड़ो
मोहे दरसन भिक्षा दे दो आज, दे दो आज
॥ मन तड़पत हरि…॥

करलो करलो चारो धाम, मिलेंगे कृष्ण, मिलेंगे राम (Karlo Karlo Charo Dham)

गुणवान मेरे गणपति बुद्धि के है दाता - भजन (Gunwan Mere Ganpati Buddhi Ke Hain Data)

अक्षय तृतीया कथा (Akshaya Tritiya Katha)

मन तड़पत हरि दर्शन को आज
मोरे तुम बिन बिगड़े सकल काज
विनती करत हूँ रखियो लाज

Sandeep Bishnoi

Sandeep Bishnoi

Leave a Comment