मैं तो ओढली चुनरियाँ थारे नाम री,
थारे नाम री थारे नाम री,
मैं तो ओढली चुनरियाँ थारे नाम री,
श्याम नाम की ओढ़ चुनरियाँ नाचू मनड़ो खोल,
जीवन सुधर गयो म्हारो मिले मने सांवरियो अनमोल,
मैं तो ओढली चुनरियाँ थारे नाम री,
भाव भरी अरदास सांवरियो करले ने स्वीकार,
सब अवगुण हर लेना करू श्याम जो उपकार,
मैं तो ओढली चुनरियाँ थारे नाम री,
अब माहने कोई डर को न फ़िक्र साकडे आवे,
श्याम श्याम नित रोज रटु श्याम नाम मन भावे,
मैं तो ओढली चुनरियाँ थारे नाम री,
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श्री श्रीगुर्वष्टक (iskcon Sri Sri Guruvashtak)
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अमृत ओहदी श्याम चुनरियाँ श्याम को प्रेमी बन गयो,
केमिता गुणगावे रे बाबा भगति रो रंग चढ़ गयो,
मैं तो ओढली चुनरियाँ थारे नाम री,
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