महाकाल मेरी मंजिल,
उज्जैन है ठिकाना,
मैं गुलाम हूँ भोले का,
मेरे साथ है जमाना,
महांकाल मेरी मंजिल,
उज्जैन है ठिकाना ॥
मेरा क्या बिगाड़ लेगा,
जो खिलाफ है जमाना,
मुझे डर नहीं किसी का,
मैं हूँ भोले का दीवाना,
महांकाल मेरी मंजिल,
उज्जैन है ठिकाना ॥
पल भर में भोले बाबा,
बिगड़ी को बनाते है,
बिन मांगे भोले बाबा,
वरदान ये देते है,
महांकाल मेरी मंजिल,
उज्जैन है ठिकाना ॥
महाकाल का दीवाने,
उज्जैन में आते है,
महाकाल के भवन में,
जयकारे लगाते है,
महांकाल मेरी मंजिल,
उज्जैन है ठिकाना ॥
राजा लूणकरण एवं महमद खां तथा समराथल ....भाग 6
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महाकाल मेरी मंजिल,
उज्जैन है ठिकाना,
मैं गुलाम हूँ भोले का,
मेरे साथ है जमाना,
महांकाल मेरी मंजिल,
उज्जैन है ठिकाना ॥