माँ रेवा: थारो पानी निर्मल (Maa Rewa: Tharo Pani Nirmal)

jambh bhakti logo

नदी को भारत मे माँ का सम्मान दिया गया है, तथा नर्मदा नदी को माँ रेवा के रूप में भी जाना जाता है। यह मध्य-भारत की जीवनरेखा की तरह है। नर्मदा का निर्मल पानी एवं उसके कल-कल करते बहते पानी को शब्दों मे पिरोह कर एक बहुत ही सुंदर गीत निर्मित किया गया है।

इस गीत को नर्मदा घाटी के किनारे की संस्कृति में रचे-बसे लोग प्रायः गाते ही हैं, तथा यह नदियों पर लिखे गए गीतों में बहुत अधिक गाया जाने वाला गीत भी है।

माँ रेवा थारो पानी निर्मल,
खलखल बहतो जायो रे..
माँ रेवा !

अमरकंठ से निकली है रेवा,
जन-जन कर गयो भाड़ी सेवा..
सेवा से सब पावे मेवा,
ये वेद पुराण बतायो रे !

माँ रेवा थारो पानी निर्मल,
खलखल बहतो जायो रे..
माँ रेवा !

ॐ जय जगदीश हरे आरती (Aarti: Om Jai Jagdish Hare)

श्री गायत्री चालीसा (Shri Gayatri Chalisa)

इतनी विनती है तुमसे हे भोले मेरे - भजन (Itni Vinti Hai Tumse Hai Bhole Mere)

Maa Rewa | Indian Ocean | Kandisa

Picture of Sandeep Bishnoi

Sandeep Bishnoi

Leave a Comment