खाटू वाला खुद खाटू से,
तेरे लिए आएगा,
मोरछड़ी ले लीले चढ़के,
संग ख़ुशी लाएगा,
खाटू वाला खुद खाटू से,
तेरे लिए आएगा ॥
तुझको तो बस इतना करना,
श्याम से नेह लगाना है,
दीन दुखी निर्बल का हरदम,
तुझको साथ निभाना है,
तुझपे अपना प्रेम लुटाने,
तेरे लिए आएगा,
मोरछड़ी ले लीले चढ़के,
संग ख़ुशी लाएगा,
खाटू वाला खुद खाटू से,
तेरे लिए आएगा ॥
दुनिया वाले क्या कहते है,
उसपे ना तू विचार कर,
श्याम के आगे करके समर्पण,
जो भी मिले स्वीकार कर,
हार के खुद को तुझको जिताने,
तेरे लिए आएगा,
मोरछड़ी ले लीले चढ़के,
संग ख़ुशी लाएगा,
खाटू वाला खुद खाटू से,
तेरे लिए आएगा ॥
जितनी भी उलझन है ‘मोहित’,
श्याम उसे हल कर देगा,
पापों से मुक्ति देकर के,
जीवन सफल ये कर देगा,
केवट बनकर पार लगाने,
तेरे लिए आएगा,
मोरछड़ी ले लीले चढ़के,
संग ख़ुशी लाएगा,
खाटू वाला खुद खाटू से,
तेरे लिए आएगा ॥
पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 4 (Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 4)
श्री गायत्री चालीसा (Shri Gayatri Chalisa)
नगरी हो अयोध्या सी, रघुकुल सा घराना हो (Nagri Ho Ayodhya Si, Raghukul Sa Gharana Ho)
खाटू वाला खुद खाटू से,
तेरे लिए आएगा,
मोरछड़ी ले लीले चढ़के,
संग ख़ुशी लाएगा,
खाटू वाला खुद खाटू से,
तेरे लिए आएगा ॥