कोई जब राह ना पाए,
शरण तेरी आए,
की तुझको मन से मनाए,
करता है तू बेड़ा पार,
करता है तू बेडा पार ॥
बजरंगी है नाम तेरा,
मेहंदीपुर में वास तेरा,
भक्तों से अपने,
तू करता है प्यार,
जब जब कोई सताए,
शरण तेरी आए,
की तुझको मन से मनाए,
करता है तू बेडा पार,
करता है तू बेडा पार ॥
राम का तू पुजारी है,
शिव का तू अवतारी है,
तुझको मनाए,
ये सब संसार,
पाप अधिक बढ़ जाए,
मिटाने तू आए,
की तुझको मन से मनाए,
करता है तू बेडा पार,
करता है तू बेडा पार ॥
तन पे सिंदूरी चोला है,
बाबा मेरा बड़ा भोला है,
सुनता है भक्तों की,
विनती हजार,
जब जब ठोकर खाए,
द्वार तेरे आए,
की तुझको मन से मनाए,
करता है तू बेडा पार,
करता है तू बेडा पार ॥
श्री शाकुम्भरी देवी जी की आरती (Shakumbhari Devi Ki Aarti)
सत्यवादी राजा हरिश्चन्द्र भाग 2
कोई जब राह ना पाए,
शरण तेरी आए,
की तुझको मन से मनाए,
करता है तू बेड़ा पार,
करता है तू बेडा पार ॥