जिसको राम नाम रटना पसन्द है,
उसको हर घड़ी आनंद ही आनंद है ॥
सिर्फ नाम देगा सहारा,
झूठी दुनिया से करले किनारा,
राम जी की रजा में जो रजामंद है,
उसको हर घड़ी आनंद ही आनंद है।
जिसकों राम नाम रटना पसन्द है,
उसको हर घड़ी आनंद ही आनंद है ॥
मन के मंदिर में राम को बसा लो,
अपनी मुक्ति का रास्ता बना लो,
जिसके कट जाते चोरासी फंद है,
उसको हर घड़ी आनंद ही आनंद है।
जिसकों राम नाम रटना पसन्द है,
उसको हर घड़ी आनंद ही आनंद है ॥
स्वर्ग जाने की इच्छा ना होती,
मुक्ति पाने की इच्छा ना होती,
भाव भक्ति से मिलता परमानन्द है,
उसको हर घड़ी आनंद ही आनंद है।
जिसकों राम नाम रटना पसन्द है,
उसको हर घड़ी आनंद ही आनंद है ॥
पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 30 (Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 30)
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श्री गुरु जम्भेश्वर भगवान गोचारण लीला भाग 2
जिसको राम नाम रटना पसन्द है,
उसको हर घड़ी आनंद ही आनंद है ॥