श्री राम नवमी, विजय दशमी, सुंदरकांड, रामचरितमानस कथा और अखंड रामायण के पाठ में प्रमुखता से गाये जाने वाला भजन।
जन्मे अवध रघुरइया हो, सब मंगल मनावो
रूप मे अनूप चारो भइया हो,
सब मंगल मनावो,
एक श्याम जो नील कमल हो
या जमुना का निर्मल जल हो
दूजे की है चांद सी गोरइया हो
सब मंगल मनावो,
बरसन सुमन देवगण आये
दरसन का सब लाभ उठाये
तीनो लोक राजा को बधइया हो
सब मंगल मनावो,
जल गये दीपक मनी दिवाली
मंत्री करे खजाना खाली
राही बांटे कामधेनु गइयाँ हो
सब मंगल मनावो,
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राजा लूणकरण एवं महमद खां तथा समराथल ....भाग 6
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