जम्भेश्वर आरती: ओ३म् शब्द सोऽहं ध्यावे (Jambheshwar Aarti Om Shabd Sohan Dhyave)

jambh bhakti logo

ॐ शब्द सोऽहं ध्यावे,
स्वामी शब्द सोऽहं ध्यावे ।
धूप दीप ले आरती,
निज हरि गुण गावे ।

मंदिर मुकुट त्रिशुल ध्वजा,
धर्मों की फ हरावे ।
झालर शंख टिकोरा,
नौपत घुररावे ।

तीर्थ तालवे गुरु की समाधि,
परसे सुरग जावे ।
अड़सठ तीरथ को फ ल,
समराथल पावे ।

मंझ फ ागण शिवरात,
जातरी रलमिल सब आवे ।
झिगमिग जोत समराथल,
शिम्भू के मन भावे ।

भोले दी बरात: भजन (Bhole Di Baraat)

ओ सांवरे दाता मेरे, तेरा शुक्रिया है: भजन (O Sanware Data Mere Tera Shukriya Hai)

हर हर शंभू - शिव भजन (Har Har Shambhu)

धर्मी करे आनंद भवन पर,
पापी थररावे ।
राजव शरण गुरु की,
क्यूं मन भटकावे ।

Sandeep Bishnoi

Sandeep Bishnoi

Leave a Comment