जगदीश ज्ञान दाता, सुख मूल शोकहारी ।
भगवन् ! तुम्हीं सदा हो, निष्पक्ष न्यायकारी ॥
सब काल सर्व ज्ञाता, सविता पिता विधाता ।
सब में रमे हुए हो, विश्व के बिहारी ॥
कर दो बलिष्ठ आत्मा, घबरायें न दुःखों से ।
कठिनाइयों का जिससे, तर जायें सिन्धु भारी ॥
निश्चय दया करोगे, हम मांगते यही हैं ।
हमको मिले स्वयम् ही, उठने की शक्ति सारी ॥
नामावलि: श्री गणेश अष्टोत्तर नामावलि (108 Shri Ganesh Ji)
कैसी यह देर लगाई दुर्गे... (Kaisi Yeh Der Lagayi Durge)
अष्टोत्तर भैरव नामावलि (Bhairav Stotram)
जगदीश ज्ञान दाता, सुख मूल शोकहारी ।
भगवन् ! तुम्हीं सदा हो, निष्पक्ष न्यायकारी ॥
Post Views: 378