हम सांस ले रहे है,
इस जान की बदौलत,
और जान जिस्म में है,
श्री राम की बदौलत
हम सांस ले रहे हैं,
इस जान की बदौलत ॥
श्री राम नाम जप के,
लंका से जीत आए,
हनुमान सिद्धि पा गए,
हरि नाम की बदौलत,
हम सांस ले रहे हैं,
इस जान की बदौलत ॥
कुछ पुण्य हो रहा है जो,
सूरज निकल रहा है,
धरती थमी है सदियों से,
इंसान की बदौलत,
हम सांस ले रहे हैं,
इस जान की बदौलत ॥
‘फणि’ गर्व हो रहा है,
विज्ञान की बदौलत,
विज्ञान का वजूद है,
भगवान की बदौलत,
हम सांस ले रहे हैं,
इस जान की बदौलत ॥
मेरे लिए अतिथि,
भगवान के बराबर,
सर करते है न्यौछावर,
मेहमान के बदौलत,
हम सांस ले रहे हैं,
इस जान की बदौलत ॥
बिगड़ी तेरी बनाएगा: भजन (Bigdi Teri Banayega)
श्री शिवसहस्रनामावली (Shiv 1008 Sahastra Namavali)
आमलकी एकादशी व्रत कथा (Amalaki Ekadashi Vrat Katha)
लब पे हंसी नहीं तो,
जीना भी है क्या जीना,
पहचान है जहाँ में,
मुस्कान की बदौलत,
हम सांस ले रहे हैं,
इस जान की बदौलत ॥
हम सांस ले रहे है,
इस जान की बदौलत,
और जान जिस्म में है,
श्री राम की बदौलत
हम सांस ले रहे हैं,
इस जान की बदौलत ॥