हे श्याम ध्वजा बंदधारी,
तुम ही सुनते हो हमारी,
जब कोई ना आड़े आवे,
देख भगत की हार जिताने,
तू लीले चढ़कर आवे,
हें श्याम ध्वजा बंदधारी,
तुम ही सुनते हो हमारी ॥
भीगी पलके देख भगत की,
चैन ना तुझको आता,
पोंछने आंसू झट तू अपने,
लीले को दौड़ाता, दौड़ाता, दौड़ाता,
बदल के आंसू गम के ख़ुशी में,
बदल के आंसू गम के ख़ुशी में,
रोते को तू हंसाए,
देख भगत की हार जिताने,
तू लीले चढ़कर आवे,
हें श्याम ध्वजा बंदधारी,
तुम ही सुनते हो हमारी ॥
समय के साथ बदलते देखि,
हमने दुनिया सारी,
लेकिन तेरा न्याय ना बदला,
ना बदली दातारि, दातारि, दातारि,
साँचा न्याय तेरा दर तेरे,
साँचा न्याय तेरा दर तेरे,
भीड़ बढ़ाती जाए,
देख भगत की हार जिताने,
तू लीले चढ़कर आवे,
हें श्याम ध्वजा बंदधारी,
तुम ही सुनते हो हमारी ॥
ना कोई छोटा ना ही बड़ा कोई,
तेरे आगे स्वामी,
भावों का व्यापारी है तू,
बात ये हमने जानी, हाँ जानी, जानी,
भाव भजन में डूब के बाबा,
भाव भजन में डूब के बाबा,
तू भंडार लुटावे,
देख भगत की हार जिताने,
तू लीले चढ़कर आवे,
हें श्याम ध्वजा बंदधारी,
तुम ही सुनते हो हमारी ॥
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हे श्याम ध्वजा बंदधारी,
तुम ही सुनते हो हमारी,
जब कोई ना आड़े आवे,
देख भगत की हार जिताने,
तू लीले चढ़कर आवे,
हें श्याम ध्वजा बंदधारी,
तुम ही सुनते हो हमारी ॥