हे गौरी नंदन तुझको वंदन,
तेरा रूप निराला,
गोरी नंदन तुझको वंदन,
तेरा रूप निराला ॥
सिध्दि सदन गज वदन विनायक,
कृपा सिंधु सुंदर सब लायक,
ब्रम्हा विष्णु जपते निशदिन,
ब्रम्हा विष्णु जपते निशदिन,
तेरे नाम की माला,
हे गोरी नंदन तुझको वंदन,
तेरा रूप निराला,
गोरी नंदन तुझको वंदन,
तेरा रूप निराला ॥
मोदक प्रिय मुद मंगल दाता,
विद्या वारिधि बुद्धि विधाता,
कृपा करहु अब अंतर्यामी,
कृपा करहु अब अंतर्यामी,
गोरी सुत गणराजा,
हे गोरी नंदन तुझको वंदन,
तेरा रूप निराला,
गोरी नंदन तुझको वंदन,
तेरा रूप निराला ॥
चंदा ने तेरा रूप बनाया,
तारों ने गहना पहनाया,
सब ऋषियों ने नमन किया तुझे,
सब ऋषियों ने नमन किया तुझे,
भक्तों के प्रतिपाला,
हे गोरी नंदन तुझको वंदन,
तेरा रूप निराला,
गोरी नंदन तुझको वंदन,
तेरा रूप निराला ॥
कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 2 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 2)
राम नाम का प्याला प्यारे, पि ले सुबहो शाम: भजन (Ram Naam Ka Pyala Pyare Pi Le Subaho Sham)
पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 12 (Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 12)
हे गौरी नंदन तुझको वंदन,
तेरा रूप निराला,
गोरी नंदन तुझको वंदन,
तेरा रूप निराला ॥