दृष्टि हम पे दया की माँ डालो,
बडी संकट की आई घड़ी है ।
द्वार पर तेरे हम भी खड़े है,
आँखो में आँसुओ कि झड़ी है ॥
निर्बल का सहारा यही है,
रास्ता दुसरा ना कही है ।
तेरा दर्श अगर तू दिखा दे,
टूट जाये गमो की लड़ी है ॥
सारे भक्तो को तुमने है तारा,
वासता तुमसे भी है हमारा ।
तार दे माँ तेरे बालकों को,
हम पर विपदा ही ऐसी पड़ी है ॥
फरियादों की झोली अड़ी है,
फते करने को माँ तू खड़ीं है ।
ये शिवाजी को आशिष दे कर,
धन्य करदे तू सबसे बड़ी है ॥
दादी नाचण दे तेरे भक्ता ने: भजन (Dadi Nachan De Tere Bhakta Ne)
भाद्रपद संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा (Bhadrapad Sankashti Ganesh Chaturthi Vrat Katha)
दृष्टि हम पे दया की माँ डालो,
बडी संकट की आई घड़ी है ।
द्वार पर तेरे हम भी खड़े है,
आँखो में आँसुओ कि झड़ी है ॥
Singer: Shivaji Patil
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