दास तेरे है गजानन,
ध्यान धरते है,
तेरे चरणों में प्रभु,
प्रणाम करते है,
तेरे चरणों में प्रभु,
प्रणाम करते है ॥
चार तेरी है भुजाये,
रूप मत वाला,
शिव सुवन गोरी के लाला,
भक्त रख वाला,
तेरी शक्ति का भी शिव,
मान करते है,
तेरे चरणों में प्रभु,
प्रणाम करते है ॥
रिद्धि सिद्धि लाभ और शुभ,
साथ में लाना,
दास का अनुरोध दाता,
भूल मत जाना,
तेरी महिमा का सदा,
गुण गाण करते है,
तेरे चरणों में प्रभु,
प्रणाम करते है ॥
मेरे अंगना में पधारो,
है अरज मेरी,
गोरी नंदन जल्दी आओं,
ना करो देरी,
पुष्प चन्दन से तेरा,
सम्मान करते है,
तेरे चरणों में प्रभु,
प्रणाम करते है ॥
बुद्धि के दाता हमें भी,
ज्ञान दे जाओ,
अपनी भक्ति का हमें,
वरदान दे जाओ,
नित तेरे नाम का,
रस पान करते है,
तेरे चरणों में प्रभु,
प्रणाम करते है ॥
जितिया व्रत कथा (Jitiya Vrat Katha)
भोले दी बरात: भजन (Bhole Di Baraat)
‘श्याम सुंदर’ दास तेरा,
इसको अपनाना,
हे गजानन ‘लख्खा’ भी,
तेरा है दीवाना,
कर दो बैडा पार,
क्यों हैरान करते है,
तेरे चरणों में प्रभु,
प्रणाम करते है ॥
दास तेरे है गजानन,
ध्यान धरते है,
तेरे चरणों में प्रभु,
प्रणाम करते है,
तेरे चरणों में प्रभु,
प्रणाम करते है ॥