मेरी माँ अंबे दुर्गे भवानी,
किस जगह तेरा जलवा नहीं है,
तेरा जलवा कोई कोई देखे,
हर किसी का मुकद्दर नहीं है,
तेरा जलवा जलवा जलवा,
तेरा जलवा जलवा जलवा,
तेरा जलवा कोई कोई देखे,
हर किसी का मुकद्दर नहीं है ॥
मेरी मैया के दर पे जो आते,
हर सवाली सभी कुछ है पाते,
जिसे मां पर नहीं है भरोसा,
सारी दुनिया से ठोकर वो खाते,
तेरा जलवा कोई कोई देखे,
हर किसी का मुकद्दर नहीं है ॥
लोग पीते हैं पी कर के गिरते,
हम तो पीते पर गिरते नहीं है,
हम तो पीते हैं भक्ति का प्याला,
दुनिया वालों से डरते नहीं है,
तेरा जलवा कोई कोई देखे,
हर किसी का मुकद्दर नहीं है ॥
जिसने चरणों पे सर को झुकाया,
दूर अपने गमो को हटाया,
मेरी मैया की चौखट जो आते,
फिर कही ना वो सर को झुकाते,
तेरा जलवा कोई कोई देखे,
हर किसी का मुकद्दर नहीं है ॥
मां के दर पर तो आकर के देखो,
अपने आंसू बहाकर तो देखो,
तुम रोते हो दुनिया के आगे,
दुख मां को सुना कर तो देखो,
तेरा जलवा कोई कोई देखे,
हर किसी का मुकद्दर नहीं है ॥
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जाम्भोजी के द्वारा बताये गए बिश्नोई समाज के प्रश्न तथा उत्तर
मेरी माँ अंबे दुर्गे भवानी,
किस जगह तेरा जलवा नहीं है,
तेरा जलवा कोई कोई देखे,
हर किसी का मुकद्दर नहीं है,
तेरा जलवा जलवा जलवा,
तेरा जलवा जलवा जलवा,
तेरा जलवा कोई कोई देखे,
हर किसी का मुकद्दर नहीं है ॥
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