भोले ओ भोले आया दर पे,
मेरे सिर पे,
जरा हाथ तू फिरा दे,
मेरे भाग्य को जगा दे ॥
सारे जग का तू विधाता,
कहते है लोग सारे,
देवों में महादेवा,
सब वश में है तुम्हारे
तू तो बाबा अंतर्यामी,
मेरी पीड़ा क्यों नहीं जानी,
भेद है क्या बतला दे,
जरा हाथ तू फिरा दे,
मेरे भाग्य को जगा दे ॥
तू कर्ता तू धर्ता,
तू ही संहार करता,
सुनता हूँ मैं दर पे,
सबका ही काम बनता,
ओ कैलाशी ओ अविनाशी,
मेरी अखियाँ फिर क्यों प्यासी,
प्यास तू इनकी बुझा दे,
जरा हाथ तू फिरा दे,
मेरे भाग्य को जगा दे ॥
श्रष्टि के कण कण में,
बस तेरा ओमकारा,
सबको तू प्यार करता,
क्या मैं नहीं हूँ प्यारा,
हाथ जोड़कर तुम्हे मनाऊं,
कैसे भोले तुमको पाऊं,
‘श्याम’ को ये बतला दे,
जरा हाथ तू फिरा दे,
मेरे भाग्य को जगा दे ॥
भजन: हर बात को भूलो मगर.. (Har Baat Ko Tum Bhulo Bhale Maa Bap Ko Mat Bhulna)
श्री गुरु जम्भेश्वर भगवान गोचारण लीला भाग 1
सत्यवादी राजा हरिश्चन्द्र भाग 4
भोले ओ भोले आया दर पे,
मेरे सिर पे,
जरा हाथ तू फिरा दे,
मेरे भाग्य को जगा दे ॥