भजहु रे मन श्री नंद नंदन – भजन (Bhajahu Re Mann Shri Nanda Nandan)

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भजहु रे मन श्री नंद नंदन
अभय-चरणार्विन्द रे
दुर्लभ मानव-जन्म सत-संगे
तारो ए भव-सिंधु रे

भजहु रे मन श्री नंद नंदन
अभय-चरणार्विन्द रे

शीत तप बात बरिशन
ए दिन जामिन जगी रे
बिफले सेविनु कृपन दुरजन
चपल सुख लभ लागी रे

भजहु रे मन श्री नंद नंदन
अभय-चरणार्विन्द रे

ए धन यौवन पुत्र परिजन
इथे की आचे पारतित रे
कमल-दल-जल, जीवन तलमल
भजू हरि-पद नीत रे

भजहु रे मन श्री नंद नंदन
अभय-चरणार्विन्द रे

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श्रवण कीर्तन स्मरण वंदन
पद सेवन दास्य रे
पूजन, सखी-जन, आत्म-निवेदन
गोविंद-दास-अभिलाषा रे

भजहु रे मन श्री नंद नंदन
अभय-चरणार्विन्द रे
दुर्लभ मानव-जन्म सत-संगे
तारो ए भव-सिंधु रे

भक्ति-भारत सभी भक्तों के लिए भगवान कृष्ण का यह प्रसिद्ध भजन प्रस्तुत कर रहा है। आइये अपनी दैनिक दिनचर्या में भजनों को सम्मलित करें।

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Sandeep Bishnoi

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