बांके बिहारी कृष्ण मुरारी मेरे बारी कहाँ छुपे,
दर्शन दीजो शरण में लीजो,
हम बलहारी कहाँ छुपे।
॥ बांके बिहारी कृष्ण मुरारी..॥
आँख मचोली हमें ना भये,
जग माया के जाल बिछाये,
रास रचा कर बंसी बजा कर,
धेनु चारा कर प्रीत जगा कर,
नटवर नागर निष्ठुर छलिया,
लीला न्यारी कहाँ छुपे।
॥ बांके बिहारी कृष्ण मुरारी..॥
सर्व व्यापक तुम अविनाशी,
जल थल गगन रवि घट बासी,
योग सुना कर रथ को चला कर,
कहाँ खो गए हमको लुभा कर,
गोविन्द गोविन्द मीरा गायी,
गणिका तारी कहाँ छुपे।
॥ बांके बिहारी कृष्ण मुरारी..॥
बांके बिहारी कृष्ण मुरारी मेरे बारी कहाँ छुपे,
दर्शन दीजो शरण में लीजो,
हम बलहारी कहाँ छुपे।
मुझे खाटू बुलाया है: भजन (Mujhe Khatu Bulaya Hai)
ऋषि पंचमी व्रत कथा (Rishi Panchami Vrat Katha)
गुरु नानक आरती (Guru Nanak Aarti)
जय जय राधे श्री राधे, श्री राधे राधे,
जय कृष्णा जय कृष्णा कृष्णा।
आरती कुंजबिहारी की | आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन | श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं | आरती श्री बाल कृष्ण जी की | ॐ जय जगदीश हरे | मधुराष्टकम्: धरं मधुरं वदनं मधुरं | कृष्ण भजन | अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं | श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी